Die Offenbarung des Johannes hat ein dreifaches Ende: die Zusage Jesu, dass er bald kommen werde (22,20a), ein Gebet zu Jesus (22,20b) und ein Segensgruß an die Hörer/Leser des Textes (22,21).
Die letzten Verse der Offenbarung nach den thesischen (Th) und milesischen (M) Zahlenwerten:
5.4.1 Offb 22,20a
„Λέγει ὁ μαρτυρῶν ταῦτα“
Legei ho martyron tauta
(„Es spricht der Zeugende dies:“)
|
Λ |
έ |
γ |
ε |
ι |
Th |
11 |
5 |
3 |
5 |
9 |
M |
30 |
5 |
3 |
5 |
10 |
ὁ |
μ |
α |
ρ |
τ |
υ |
ρ |
ῶ |
ν |
15 |
12 |
1 |
17 |
19 |
20 |
17 |
24 |
13 |
70 |
40 |
1 |
100 |
300 |
400 |
100 |
800 |
50 |
τ |
α |
ῦ |
τ |
α |
Zw. |
19 |
1 |
20 |
19 |
1 |
231 |
300 |
1 |
400 |
300 |
1 |
2916 |
„ναί, ἔρχομαι ταχύ.“
nai, erchomai tachy.
(„Ja, ich komme bald.“)
|
ν |
α |
ί |
ἔ |
ρ |
χ |
ο |
μ |
α |
ι |
Th |
13 |
1 |
9 |
5 |
17 |
22 |
15 |
12 |
1 |
9 |
M |
50 |
1 |
10 |
5 |
100 |
600 |
70 |
40 |
1 |
10 |
τ |
α |
χ |
ύ |
Zw. |
19 |
1 |
22 |
20 |
166 |
300 |
1 |
600 |
400 |
2188 |
Summe nach thesischer Zählung: 397
Summe nach milesischer Zählung: 5104
Summe der Anfangsbuchstaben nach thesischer Zählung: 94
Summe der Anfangsbuchstaben nach milesischer Zählung: 795
5.4.2 Offb 22,20b
„Ἀμήν, ἔρχου κύριε Ἰησοῦ.“
Amen, erchu kyrie Iesu.
(„Amen. Komm, Herr Jesus!“)
|
Ἀ |
μ |
ή |
ν |
ἔ |
ρ |
χ |
ο |
υ |
Zw. |
Th |
1 |
12 |
7 |
13 |
5 |
17 |
22 |
15 |
20 |
112 |
M |
1 |
40 |
8 |
50 |
5 |
100 |
600 |
70 |
400 |
1274 |
κ |
ύ |
ρ |
ι |
ε |
10 |
20 |
17 |
9 |
5 |
20 |
400 |
100 |
10 |
5 |
Ἰ |
η |
σ |
ο |
ῦ |
Zw. |
9 |
7 |
18 |
15 |
20 |
130 |
10 |
8 |
200 |
70 |
400 |
1223 |
Summe nach thesischer Zählung: 242
Summe nach milesischer Zählung: 2497
Summe der Anfangsbuchstaben nach thesischer Zählung: 25
Summe der Anfangsbuchstaben nach milesischer Zählung: 36 (=3x12)
Die Gesamtsumme aus Offb 22,20:
- nach thesischer Zählung: 639
- nach milesischer Zählung: 7601
Gesamtsumme der Anfangsbuchstaben:
- nach thesischer Zählung: 119
- nach milesischer Zählung: 831
5.4.3 Offb 22,21
„Ἡ χάρις τοῦ κυρίου Ἰησοῦ μετὰ πάντων“
He charis tu kyriu Iesu meta panton.
(„Die Gnade des Herrn Jesus sei mit allen!“)
|
Ἡ |
χ |
ά |
ρ |
ι |
ς |
Zw. |
Th |
7 |
22 |
1 |
17 |
9 |
18 |
74 |
M |
8 |
600 |
1 |
100 |
10 |
200 |
919 |
τ |
ο |
ῦ |
κ |
υ |
ρ |
ί |
ο |
υ |
19 |
15 |
20 |
10 |
20 |
17 |
9 |
15 |
20 |
300 |
70 |
400 |
20 |
400 |
100 |
10 |
70 |
400 |
Ἰ |
η |
σ |
ο |
ῦ |
Zw. |
9 |
7 |
18 |
15 |
20 |
214 |
10 |
8 |
200 |
70 |
400 |
2458 |
μ |
ε |
τ |
ὰ |
π |
ά |
ν |
τ |
ω |
ν |
Zw. |
12 |
5 |
19 |
1 |
16 |
1 |
13 |
19 |
24 |
13 |
123 |
40 |
5 |
300 |
1 |
80 |
1 |
50 |
300 |
800 |
50 |
1627 |
Summe nach thesischer Zählung: 411
Summe nach milesischer Zählung: 5004
Summe der Anfangsbuchstaben nach thesischer Zählung: 95
Summe der Anfangsbuchstaben nach milesischer Zählung: 1058
5.4.4 Varianten von Offb 22,21; Vulgata
In Varianten des griechischen Textes heißt es nach „κυρίου“: „ημών“ („unseres“), nach „Ἰησοῦ“: „Xριστού“ („Christus“) und am Ende: „αμήν“ („Amen“).
Der hl. Hieronymus übernimmt in seiner „Vulgata“ die beiden ersten Varianten, nicht aber das „Amen“: „Gratia Domini nostri Iesu Christi cum omnibus vobis.“ Dies geht vermutlich auf die kirchliche Kanonisierung der biblischen Schriften im 4. Jh. zurück. Demgemäß lautet der letzte Vers der Bibel auf griechisch: „Ἡ χάρις τοῦ κυρίου ημών Ἰησοῦ Xριστού μετὰ πάντων ὑμῶν.“ („Die Gnade unseres Herrn Jesus Christus sei mit euch allen.“)
|
Ἡ |
χ |
ά |
ρ |
ι |
ς |
Zw. |
Th |
7 |
22 |
1 |
17 |
9 |
18 |
74 |
M |
8 |
600 |
1 |
100 |
10 |
200 |
919 |
τ |
ο |
ῦ |
κ |
υ |
ρ |
ί |
ο |
υ |
19 |
15 |
20 |
10 |
20 |
17 |
9 |
15 |
20 |
300 |
70 |
400 |
20 |
400 |
100 |
10 |
70 |
400 |
η |
μ |
ώ |
ν |
Zw. |
7 |
12 |
24 |
13 |
201 |
8 |
40 |
800 |
50 |
2668 |
Ἰ |
η |
σ |
ο |
ῦ |
9 |
7 |
18 |
15 |
20 |
10 |
8 |
200 |
70 |
400 |
X |
ρ |
ι |
σ |
τ |
ο |
ύ |
Zw. |
22 |
17 |
9 |
18 |
19 |
15 |
20 |
189 |
600 |
100 |
10 |
200 |
300 |
70 |
400 |
2368 |
μ |
ε |
τ |
ὰ |
π |
ά |
ν |
τ |
ω |
ν |
12 |
5 |
19 |
1 |
16 |
1 |
13 |
19 |
24 |
13 |
40 |
5 |
300 |
1 |
80 |
1 |
50 |
300 |
800 |
50 |
ὑ |
μ |
ῶ |
ν |
Zw. |
20 |
12 |
24 |
13 |
192 |
400 |
40 |
800 |
50 |
2917 |
Summe nach thesischer Zählung: 656
Summe nach milesischer Zählung: 8872
Summe der Anfangsbuchstaben nach thesischer Zählung: 144 (=12x12)
Summe der Anfangsbuchstaben nach milesischer Zählung: 2066
Die Zahlenwerte allein des Wortes „Xριστού“ („Christi“):
|
X |
ρ |
ι |
σ |
τ |
ο |
ύ |
|
|
Th |
22 |
17 |
9 |
18 |
19 |
15 |
20 |
120 |
=10x12 |
(M |
600 |
100 |
10 |
200 |
300 |
70 |
400 |
1680 |
|
Die Zahlenwerte des in manchen Textvarianten vorkommenden Wortes „ημών“ („unseres“):
|
η |
μ |
ώ |
ν |
|
Th |
7 |
12 |
24 |
13 |
56 |
M |
8 |
40 |
800 |
50 |
898 |
Das in manchen Textvarianten abschließende „αμήν“ („Amen“) hat folgende Zahlenwerte:
|
ά |
μ |
ή |
ν |
Summe |
Th |
1 |
12 |
7 |
13 |
33 |
M |
1 |
40 |
8 |
50 |
99 |
Dies entspricht Ex 3,15 in der Septuaginta: „Κύριος ὁ θεὸς“ („Gott, der Herr“; vgl. 5.1.2.3).
5.4.5 Summen aus Offb 22, 21f
Im Ganzen ergeben sich aus den beiden letzten Versen der christlichen Bibel diese Zahlenwerte:
Summe nach thesischer Zählung: 1050; nach der Vulgata (vgl. 5.4.2.2): 1295
Summe nach milesischer Zählung: 12605; nach der Vulgata: 16473
Summe der Anfangsbuchstaben nach thesischer Zählung: 214; nach der Vulgata: 263
Summe der Anfangsbuchstaben nach milesischer Zählung: 1889; nach der Vulgata: 2897
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